Saturday, May 29, 2010

कैसे कहू मैं हिरदय बेदना
कौन सुनेगा बात यहाँ
बिंधा हुआ है तन तीरों से
कदम कदम पे घात यहाँ
जैसा की आप इन पंक्तियों से ही समझ गए होंगे यहाँ मैं अपनी मात्रभूमि धरती माँ की बात कर रही हु जिसको उसकी संतानों ने ही छलनी कर रखा है कौन हैं इसका जिम्मेदार हम आप या कोई और,आप सोच रहे होंगे की मैंने अपने ब्लॉग का शिर्सक देशी आतंकबाड़ी क्यों रखा क्यूंकि हमारे देश मैं आताक्बादी बिदेशी न होकर अपने देश के ही है वो कौन है ,कौन
जिम्मेदार है हम,हमारे नेता,धर्म और हमारी व्यवस्था ये सभी किसी न किसी रूप मैं जिम्मेदार है हम आज चन्द रुपयों के लिए हम अपना ईमान,अपनी मात्रभूमि तक को बेचने के लिए तैयार हो जाते है इसका जिम्मेदार कौन है हमारी अज्ञानता, निरक्षरता,  नेता वोट बैंक की राजनीती कर हम्रारे देश को जांति और सम्प्रदाय के भाग मैं वांट रहे है क्या फर्क है उन अंग्रेजो जिन्होंने अब तक हम पर साशन किया'' फूट डालो शाशन करो'' की निति अपनाई थी वो ही तो आज ये नेता कर रहे है अंतर है मात्र गुलाम और आजाद देश का पर आज  आजाद होकर भी हम इनके गुलाम है क्यों हो रहे है रोज रोज ये आतंकबाद के घिन्नोने कारनामे जिन्हें देखकर हमारी आँखे नम हो जाती है और हो भी क्यों ना क्युकी शिकार तो हम ही होते है हमला संसद पर होता है पर मरता कौन है जनता चाहे बाबरी कांड हो या घोधरा या फिर मुंबई सीरियल ब्लास्ट हो या ताज पे हुआ धमाका मरती सिर्फ जनता है क्या कोई नेता इन धमाकों  मैं शहीद  हुआ है कभी नहीं पर इसके जिम्मेदार भी हम है क्योकि ऐसे नेताओ को चुनकर भी तो हम लाये है जो सिर्फ हिन्दू मुस्लिम वोट बैंक की राजनीती करना जानते है आज का युवा क्यों पोलिटिक्स से बचता है कारण राजनीति का बिगड़ता स्वरूप अगर युवा है भी तो वो जो किसी न किसी रूप मैं वो या उनका परिवार राजनीती से जुड़ा है आम जनता नहीं............ हमारे देश के सबसे बड़े आताक्बादी ये नेता है जिन्होंने  पूरी की पूरी वय्बस्था बिगाड़ रखी है कोई अपने ऊपर करोड़ो रुपयों की माला चदबाता है तो कोई धर्म के नाम पे राजनीति कर रहा है

शर्मनाक लोकतंत्र {भारत की शान मत करो इसका अपमान} ...........

क्या यही है भारत की शान हमारा तिरंगा जो आज हमारे ही देश मैं अपमानित हो रहा है कौन है इसका जिम्मेदार क्या हो रहा है हमारे इस देश मैं हमे शर्म आनी चाहिए कहाँ है हमारी मीडिया नेता और जनता....... अब जब ये लोग हमारे देश के ही एक शहर श्रीनगर मैं हमारे तिरंगे का अपमान कर उसे जला रहे है और हाथ मैं पाकिस्तानी झंडा लहरा रहे है अब कहाँ है हमारी मीडिया ..............हमारा लोकतंत्र ..................नेता और जनता
शर्म आनी चाहिए हमारी भारतीय सरकार और मीडिया को जिसने इसे इतने बड़े अपमान को कश्मीर मैं जलाये जाने पर कोई कदम तक नहीं उठाया, इस जलते हुए तिरंगे को प्रसारित तक नहीं किया
भारत ही ऐसा देश हो सकता जहाँ ये सब भी सहा जा सकता है जहाँ छोटी छोटी बातों को तो मसाला बना कर खूब दिखया जाता है पर इतनी बड़े अपमान का नाम तक नहीं क्या हम इसी सपनो के भारत के नागरिक है???????? जहाँ हरे राष्ट्र ध्बज का भी सम्मान नहीं है शर्म आनी चाहिए हमे हमारी सरकार और इस नाकारा मीडिया पर ..........




जब सचिन तेंदुलकर केक तिरंगे के आकर मैं बनाकर काटते है तब बहुत मासला बनाकर ये मीडिया उछालती है या मंदिरा बेदी अगर किसी शो पर हर देश के झंडों की साड़ी पहन ले तो भी ये नाकारा मसाला न्यूज़ चैनल पीछे नहीं हटते मगर इस पर कुछ नहीं .........
जब एक शिपाही के हाथ से अभ्यास के दौरान झंडा छुट जाता है तो उसे उसकी निकाल दिया जाता है पर इसपर कुछ नहीं ..................क्या ये देश है हमारा????
चाहे अमरनाथ संघर्ष को ही ले लीजिये जब जम्मू वाले तिरंगा लेकर भारत माता की जय हो के नारे लगते हुए जाते है तो वहां के पुलिस कमिश्नर [कश्मीर] गोली चलबा देते है कारन शांति भंग हो रही है अब शान्ति भंग नहीं हो रही उनकी जब ये लोग कश्मीर के श्रीनगर जो की भारत का हिस्सा है उसमे पाकिस्तानी झंडा लहरा रहे है और तिरंगा जला रहे है और "हिन्दुस्तान मुर्दाबाद" और "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगा रहे है अब कोई अशांति नहीं फ़ैल रही ................
हर साल पाकिस्तानी स्वतंत्रता दिवस १४ अगस्त को पुरे कश्मीर मैं पाकिस्तानी झंडा फरया जाता है यहाँ तक की हमारे सरकारी दफ्तरों तक मैं भी ........ और १५ अगस्त को हमारे तिरंगे का अपमान उसे जलया जाता है क्या यही है वो सपनो का भारत??????????????? हम आजाद हुए भी है या अब भी गुलाम हैं ?ये सब इसी देश मैं देखने को मिल सकता और कही नहीं क्युकी ये शांति दूतों का देश भारत है.......................................................
इस समय कहाँ गई थी हमारी वो मीडिया जो हर छोटी छोटी बाँतो को तूल देना जानती है मसाला लगाकर ब्रेकिंग न्यूज़ बनाती है जैसे की कुछ झलकियाँ देखिये................

और देखिये ये है मुख्य समाचार हमारे देश के कुछ मुख्या न्यूज़ चेन्नाल्स के जो कहने के नुम्बर १ है शायद .........

शर्म नहीं आती इन्हें ये सब दिखाते हुए....... मीडिया को हमारे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है क्या ऐसा है ये चौथा स्तम्भ तो तो टिक गया ये लोकतंत्र ...............
जय हिन्द जय भारत .