जहाँ तक मैं सोचती हूँ तो शायद हम सबने विज्ञान मैं जीवन चक्र जरुर पड़ा होगा की प्रत्येक जीव किसी न किसी रूप मैं दुसरे जीव पर निर्भर है और एक जीव का जीवन भी अगर पूरी तरह से ख़त्म हो जाये तो शायद वो दिन दूर नहीं की हम दुसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश करते करते करते अपनी पृथ्वी से ही मानव जीवन समाप्त कर दे आज जिस तरह से हमारे देश मैं चीतों की संख्या मैं कमी आ रही हैं सायद अगले कुछ वर्षों बाद ये प्रजाति विलुप्त हो जाए आज हमारे देश मैं इनकी संख्या मात्र 1411 के लगभग रह गई है किसी और के लिए न सही कम से कम हम अपने जीवन के लिए तो एक कदम उठा सकते है कृपया मेरा साथ देकर एक कदम और उठाये हमारे देश मैं विलुप्त होती चीतों की जनजाति को बचाए इससे सायद आप उनका नहीं अपना ही जीवन बचायेंगे अपनी और अपनी इस पृथिवी को बचाइए क्योकि किसी एक की कमी से किसी अन्य की अधिकता हो सकती है जिससे 2012 होने वाली प्रलय मतलब पृथ्वी का विनाश संभव भी हो सकता हैं तो कृपया मेरे साथ कदम बढ़ाये
और हमारे राष्ट्रीय पशु की जान बचाकर अपनी जान बचाए जागो इंडिया जागो
और हमारे राष्ट्रीय पशु की जान बचाकर अपनी जान बचाए जागो इंडिया जागो
monika jee
ReplyDeletemamla to aapne gambhir uthaya hay..
agar gambhirta se ise nahi socha gaya to
parinaam achchhe nahi honge.
aapke sath pura india hay bas ahwan aur mashal ko jalaye rakhiye..uwa warg chintit hay is samasya se bachne ke liye
धन्यवाद जय हिंद
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