Wednesday, February 17, 2010

save our national animal

जहाँ तक मैं सोचती हूँ   तो शायद  हम सबने विज्ञान मैं जीवन चक्र जरुर पड़ा होगा की प्रत्येक जीव किसी किसी रूप मैं दुसरे जीव पर निर्भर है और एक जीव का जीवन भी अगर पूरी तरह से ख़त्म हो जाये तो शायद  वो दिन दूर नहीं की हम दुसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश करते करते करते  अपनी पृथ्वी  से ही मानव जीवन समाप्त कर दे आज जिस तरह से हमारे देश मैं चीतों की संख्या मैं कमी रही हैं सायद अगले कुछ वर्षों बाद ये प्रजाति विलुप्त हो जाए आज हमारे देश मैं इनकी संख्या  मात्र 1411 के लगभग रह गई है किसी और के लिए न सही कम  से कम हम अपने जीवन के लिए तो एक कदम उठा सकते है कृपया मेरा साथ देकर एक कदम और उठाये हमारे देश मैं विलुप्त होती चीतों की जनजाति को बचाए इससे सायद आप उनका नहीं अपना ही जीवन बचायेंगे अपनी और अपनी इस पृथिवी को बचाइए क्योकि किसी एक की कमी से किसी अन्य की अधिकता  हो सकती है जिससे 2012 होने वाली प्रलय मतलब पृथ्वी का विनाश संभव भी हो सकता हैं तो कृपया मेरे साथ कदम बढ़ाये
 और हमारे राष्ट्रीय  पशु की जान बचाकर  अपनी जान बचाए जागो इंडिया जागो    

2 comments:

  1. monika jee
    mamla to aapne gambhir uthaya hay..
    agar gambhirta se ise nahi socha gaya to
    parinaam achchhe nahi honge.

    aapke sath pura india hay bas ahwan aur mashal ko jalaye rakhiye..uwa warg chintit hay is samasya se bachne ke liye

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  2. धन्यवाद जय हिंद

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